सरदार दर्शन सिंह फतानी के निमत अन्तिम अरदास बुधवार 7 मई 2025 को
अजमेर। सचखण्ड वासी सरदार दर्शन सिंह फताणी के तीसरे की फूल चुने जाने की रस्म रविवार 27.04.2025 को होगी।
प्रात: 8-00 बजे निवास स्थान से परिवार जन साध संगत के साथ पहाड़ गंज स्थित शमशान स्थल के लिये प्रस्थान करेगें, 9-00 बजे फूल चुने जाने की सामाजिक रस्म उपरान्त 9-30 बजे से 10-30 बजे तक लबाना कालोनी स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब में पुष्पांज्लि एवं तीसरे की अरदास होगी।
अन्तिम अरदास
परिवार जनों द्वारा अपने निवास स्थान पर सचखण्ड वासी की आत्मिक शान्ति एवं कल्याणार्थ सोमवार 05.05.2025 को प्रात: 11-00 श्री अखण्ड पाठ साहिब आरम्भ करवाया जाएगा जिसका भोग साहिब 07.05.2025 को प्रात: 11-00 बजे पड़ेग।
उपरान्त स्थानीय लबाना कालोनी स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु रामदास साहिब दरबार, में दोपहर 12-00 बजे से गुरुबाणी शब्द कीर्तन सजाया जाएगा जिसमें गद्दीनशीन महन्त सन्त सुखदेव सिंह साहिब सहित अन्य रागी सिंह, कथावाचक गुरुबाणी शब्द कीर्तन राही विच्छुड़ी आत्मा श्रध्दासुमन अर्पित करते दोपहर 1-30 बजे तक संगत को निहाल निहल करेंगे, उपरान्त अंतिम अरदास, हुकमनाम एवं गुरु का अटूट लंगर प्रसाद वितरित होगा ।
ज्ञात रहे कि संत कंवर राम स्कूल के पीछे लबाना कालोनी, अजमेर निवासी 87वर्षी सरदार दर्शन सिंह सुपुत्र सरदार सुन्दर सिंह फताणी गुरुवार 24.04.2025 को सचखण्ड सिधार गये थे।
शोकाकुल परिवार:
सरदार जगजीत सिंह (RPF) - (पुत्र)
गुर बचन सिंह, संतोक सिंह, सुखदेव सिंह व हरजीत सिंह (पोत्र)
संपर्क :
9413301768
9929698414
.8890682180
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टिप्पणियाँ
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सरदार दर्शन सिंह फताणी के स्वर्गवास का समाचार सुनकर बहुत दुख हुआ, साहिब श्री गुरुग्रन्थ जी गुरुवाणी फरमान करती है "रामु गइए, रावनु गइए जा कउ बहु परिवार । कहु नानक थिर कछु नही सुपने जिउ संसारु।।"
(गुरुबाणी: साहिब श्री गुरुग्रन्थ साहिब जी पृष्ठ-1426) अर्थात: इस दुख की घड़ी में गुरुबाणी मन की अवस्था को समझाती है कि संसार स्वपन मात्र है, यहां कोई कितना भी बलवान क्यों न हो वह स्थाई तौर पर नहीं रह सकता, राम जो स्वमं शक्ति मान थे, और शक्तिशाली बहुत बड़े परिवार वाले रावन को भी जाना पढ़ा, प्रकृति का नियम है, जो संसार में आया है उसे जाना ही पढता है,
अपनों के जाने का बहुत दुख होता ही है क्योंकि हम संसारिक जीव हैं अपनों के बिछड़ने का दुख होना स्वाभाविक है। पर हम उस प्रभु परमात्मा के आगे असहाय है, उसकी रजा को मानकर उसके आगे अरदास वेन्ती प्रार्थना ही कर सकते है कि "हे परमपिता परमेश्वर श्री हरि, अकाल पुरख वाहेगुरु, निरंकार, हे श्रीराम जी कृपा करना स्वर्गवासी की आत्मा को सदैव अपने चरणों में निवास, शान्ति बक्शीश करना, पिछे शोकाकुल परिवार में सुख शान्ति, हम सभी को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करना 🙏
✍ जी. एस. लबाना