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Showing posts with the label लबाना जागृति सन्देश LABANA JAGARATI SANDESH

HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR SAHIB JI Date 01-12-2023 Ang 510

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  अपनी  प्रात: का शुभारंभ  प्रभु परमात्मा, श्री हरि स्मरण से करिये 🙏               🙏 श्री हरमिन्दर साहिब (स्वर्ण मन्दिर) अमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी  के अंग 510 दिनांक 01-12-2023  को  प्रात: जारी गुरुबाणी, अमृतवचन/हुकमनामा : पंजाबी, हिन्दी व अंग्रेजी में अर्थ सहित पढ़िए 🙏   🙏 AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR,  ANG 510, 01-12-23 🙏🙏 ਸਲੋਕ ਮ: ੩॥ ਸਭਨਾ ਕਾ ਸਹੁ ਏਕੁ ਹੈ ਸਦ ਹੀ ਰਹੈ ਹਜੂਰਿ ॥ ਨਾਨਕ ਹੁਕਮੁ ਨ ਮੰਨਈ ਤਾ ਘਰ ਹੀ ਅੰਦਰਿ ਦੂਰਿ ॥ ਹੁਕਮੁ ਭੀ ਤਿਨ੍ਹ੍ਹਾ ਮਨਾਇਸੀ ਜਿਨ੍ਹ੍ਹ ਕਉ ਨਦਰਿ ਕਰੇਇ ॥ ਹੁਕਮੁ ਮੰਨਿ ਸੁਖੁ ਪਾਇਆ ਪ੍ਰੇਮ ਸੁਹਾਗਣਿ ਹੋਇ ॥੧॥ ਮ: ੩ ॥ਰੈਣਿ ਸਬਾਈ ਜਲਿ ਮੁਈ ਕੰਤ ਨ ਲਾਇਓ ਭਾਉ ॥ਨਾਨਕ ਸੁਖਿ ਵਸਨਿ ਸੁੋਹਾਗਣੀ ਜਿਨ੍ਹ੍ਹ ਪਿਆਰਾ ਪੁਰਖੁ ਹਰਿ ਰਾਉ ॥੨॥ ਪਉੜੀ ॥ ਸਭੁ ਜਗੁ ਫਿਰਿ ਮੈ ਦੇਖਿਆ ਹਰਿ ਇਕੋ ਦਾਤਾ ॥ ਉਪਾਇ ਕਿਤੈ ਨ ਪਾਈਐ ਹਰਿ ਕਰਮ ਬਿਧਾਤਾ ॥ ਗੁਰ ਸਬਦੀ ਹਰਿ ਮਨਿ ਵਸੈ ਹਰਿ ਸਹਜੇ ਜਾਤਾ ॥ ਅੰਦਰਹੁ ਤ੍ਰਿਸਨਾ ਅਗਨਿ ਬੁਝੀ ਹਰਿ ਅੰਮ੍ਰਿਤ ਸਰਿ ਨਾਤਾ ॥ ਵਡੀ ਵਡਿਆਈ ਵਡੇ ਕੀ ਗੁਰਮੁਖਿ ਬੋਲਾਤਾ ॥੬॥ 🙏🙏 सलोक मः ३ ॥ सभना का सहु एकु है सद ही रहै हजूरि ॥ नानक हुकमु न मंनई ता घर ही अंदरि दूरि ॥ हुकमु भी तिन्हा मनाइसी जिन्ह कउ नदरि करेइ ॥ हुकमु मंनि सुख

बाबा गरीब दास का दो दिवसीय धार्मिक आयोजन 24 व 25 नवम्बर को

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  प्राचीन सिन्धी शिव मन्दिर गंज मे बाबा गरीब दास का दो दिवसीय धार्मिक आयोजन 24 व 25 नवम्बर को                           संयोजक लक्ष्मणदास पारूमल एवं सन्नी मूलचन्द सदनानी के संयोजन मे होगा दो दिवसीय आयोजन   मरू प्रहार संवादाता /        अजमेर 15 नवम्बर 2023 प्राचीन सिन्घी शिव मन्दिर पुलिस गंज थाने के पीछे मन्दिर में चान्द उत्सव के अवसर पर बुधवार को मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भागचन्द दौलतानी,महासचिव रमेश लालवानी,लक्ष्मणदास दौलतानी,ताराचन्द लालवानी,प्रदीप दौलतानी,गोविन्द लालवानी,श्रीमती नीलम कश्यप,किशन चन्द,राधाकिशन दौलतानी एवं अन्य ने पूज्य झूलेलाल साहिब के पंजडे आरती और पल्लव प्रार्थना पण्डित दामोदर दाधीच के नेतृत्व में सम्पन्न करवाकर सबकी खुशहाली की प्रार्थना की।मन्दिर के महासचिव रमेश लालवानी ने जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि आगामी शुक्रवार 24 नवम्बर और 25 नवम्बर शनिवार को सिन्ध के महान सन्त बाबा गरीबदास के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव का आयोजन महाआरती व भक्तिरस के रंगारंग कार्यक्रम से प्रारम्भ होगा।संयोजक लक्ष्मणदास सदनानी ने बताया कि बाबा गरीबदास के दो दिवसीय वर्षिकोत्सव के आयोजन के प्रथम

सिन्ध की जन्मी 94 वर्षीय रामीदेवी ने हरि ओम कॉलोनी निवास पर प्रथम बार निवास से किया मतदान

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  सिन्ध की जन्मी 94 वर्षीय रामीदेवी ने हरि ओम कॉलोनी निवास पर प्रथम बार निवास से किया मतदान   अपने निवास स्थान से मतदान करके अति प्रसन्न दिखाई दी  रामी देवी केशवदास लालवानी  मरू प्रहार संवादाता / अजमेर 15 नवम्बर 2023 हरि ओम कॉलोनी चन्द्रवरदाई नगर निवासी सिन्ध के हैदराबाद जिले में 01 जनवरी 1930 को जन्मी श्रीमती रामीदेवी पु़त्री स्वर्गीय श्री जेठानन्द दत्तवानी पत्नि स्वर्गीय केशवदास लालवानी ने बुधवार को अपने निवास से प्रथम बार विधान सभा चुनाव में अपना मतद देकर अति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने वरिष्ठ नागरिको और दिव्यांग जनो के लिए उनके निवास स्थान पर मतदान करवाने की व्यवस्था करके वरिष्ठ नागरिकांे और दिव्यांग जनो को सम्मानित किया है।जन सेवा समिति के संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी और शहर अध्यक्ष अनवर हुसैन घोसी ने बताया कि 94 वर्षीय रामीदेवी ने अपने परिवार के सदस्यो पुत्र रमेश,चेतन,गोविन्द,पुत्र वधू श्रीमती जसोता,श्रीमती सोनी,पोते हितेष पौत्र वधु श्रीमती पूजा,पौत्र संजय,मोहित,प्रियेश, पौत्रीयांे प्रियंका,सोनम,आंचल एवं आरव लालवानी सहित समस्त परिवार जनो को बताया क

देश के इतिहास में पहली बार एक साथ 20 जिले बने-सीएस अशोक गहलोत

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 DAILY MARU PRAHAR 12. 11. 2023 👉 *हमसे संपर्क करें: मेल* 👇 maruprahar21@yahoo.com  👉 *मो.वाट्सअप/पे-फोन* 9414007822,                                      मो. 9587670300  ⚘🙏 👉  दैनिक मरु प्रहार समाचार पत्र  केन्द्र व राज्य सरकार से विज्ञापनों के लिये मान्यता प्राप्त समाचार पत्र है। इसमें  सभी प्रकार की  सरकारी गैर सरकारी आम सूचना, अदालती नोटिस, एडवोकेट द्वारा जारी आम सूचनाएं, विज्ञप्ति, निविदाएं आदि बढे समाचार पत्रों के मुकाबले कम  रियायती दर  प्रकाशित की जाती है।  समाचार पत्र की प्रिन्ट कापी प्राप्त करने के लिये अपने स्थानीय हाकर से मंगवाए।  🙏 👇 अपने विचार कमेंट्स बाक्स में दें 👇

DAILY RAJYADESH 11 Nav. 2023

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  DAILY RAJYADESH  SINDHI  11. 11. 2023 👉 *हमसे संपर्क करें: मेल* 👇 maruprahar21@yahoo.com  👉 *मो.वाट्सअप/पे-फोन* 9414007822,                                      मो. 9587670300  ⚘🙏 👉  दैनिक राज्यादेश  समाचार पत्र  केन्द्र व राज्य सरकार से विज्ञापनों के लिये मान्यता प्राप्त समाचार पत्र है। इसमें  सभी प्रकार की  सरकारी गैर सरकारी आम सूचना, अदालती नोटिस, एडवोकेट द्वारा जारी आम सूचनाएं, विज्ञप्ति, निविदाएं आदि बढे समाचार पत्रों के मुकाबले कम  रियायती दर  प्रकाशित की जाती है।  समाचार पत्र की प्रिन्ट कापी प्राप्त करने के लिये अपने स्थानीय हाकर से मंगवाए।  🙏 👇 अपने विचार कमेंट्स बाक्स में दें 👇

जाति आधारित जनगणना से दलित वर्ग और आदिवासी को मिलेगा उनका अधिकार: राहुल गांधी

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DAILY MARU PRAHAR  11. 11. 2023  👉 *हमसे संपर्क करें: मेल* 👇 maruprahar21@yahoo.com 👉 *मो.वाट्सअप/पे-फोन* 9414007822,                                      मो. 9587670300  ⚘🙏 👉  दैनिक मरु प्रहार समाचार पत्र  केन्द्र व राज्य सरकार से विज्ञापनों के लिये मान्यता प्राप्त समाचार पत्र है। इसमें  सभी प्रकार की  सरकारी गैर सरकारी आम सूचना, अदालती नोटिस, एडवोकेट द्वारा जारी आम सूचनाएं, विज्ञप्ति, निविदाएं आदि बढे समाचार पत्रों के मुकाबले कम  रियायती दर  प्रकाशित की जाती है।  समाचार पत्र की प्रिन्ट कापी प्राप्त करने के लिये अपने स्थानीय हाकर से मंगवाए।  🙏 👇 अपने विचार कमेंट्स बाक्स में दें 👇

स्वर्गवासी भगवानी कौर के निमित सुखमनी साहिब के पाठ, गुरुबाणी शब्द कीर्तन के साथ अरदास अन्तिम सम्पन्न...

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  स्वर्गवासी भगवानी कौर के निमित  सुखमनी साहिब के पाठ, गुरुबाणी शब्द कीर्तन के साथ अरदास अन्तिम सम्पन्न   अजमेर (लबाना न्यूज नेटवर्क)। स्वर्गवासी भगवानी कौर के निमित आज प्रात: 11-00 बजे इनके निवास स्थान पर श्री सुखमनी साहिब का पाठ आरम्भ हुआ, श्रीसुखमनी साहिब का पाठ  भाई भगवान सिंह जी के साथ समूह उपस्थित संगत ने सामूहिक रूप से किया, उपरान्त खुले पंडाल में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश कर गुरुबाणी शब्द कीर्तन दरबार सजाया गया, जिसमें  सिंह सभा गुरुद्वारा नगरा अजमेर के हैड ग्रंथी  रागी भाई  गुरमेलसिंह जी (श्री गंगानगर वाले)  ने  "साधो मन का मानु तिआगउ ॥", (श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी अंग 219, अर्थात: हे संतजनो ! यह मन वश में नहीं किया जा सकता।) "खाणा पीणा हसणा सउणा विसरि गइआ है मरणा ।।" ( श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी अंग 1254, अर्थात: खाने-पीने, हँसने एवं सोने में मौत भी भूल गई है।), "अपने करम की गति मै किआ जानउ ॥ ( श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी अंग 870: अर्थात: मैं अपने शुभाशुभ कर्मों की गति क्या जान सकता हूँ।), आदि गुरुबाणी शब्द कीर्तन गायन कर स्वर्गवासी को श्रद्धा

सरदारनी माता मंजीत कौर के निमत अन्तिम अरदास शनिवार 12 मार्च 2022 को

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   सरदारनी माता मंजीत कौर के निमत अन्तिम अरदास शनिवार 12 मार्च  2022 को 🙏 मुक्तसर साहिब  (पंजाब)। सचखण्ड वासी सरदारनी माता मंजीत कौर के निमित आत्मिक शान्ति एवं कल्याणार्थ परिवार जनों दारा गुरुवार 10 मार्च  2022 को प्रात: 11 बजे  गुरूद्वारा श्री मुक्तसर साहिब के पास नाका नम्बर 6 पर स्थित अपने निवास पर श्री अखण्ड पाठ साहेब आरम्भ कराया जायेगा, जिसका भोग साहेब शनिवार  12 मार्च 2022 को प्रात: 11-00 बजे पढेगा, उपरान्त दोपहर एक बजे तक गुरूबाणी शब्द कीर्तन दिवान सजाया जायेगा जिनमें पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्थे कथा वाचक गुरूबाणी शब्द कीर्तन राही दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए  संगत को निहाल करेगें,  उपरानत अन्तिम अरदास गुरु का लंगर प्रसाद वितरित होगा ।    ज्ञात रहे कि मुक्तसर साहिब (पंजाब) निवासी भाई भजन सिंह के लघु भ्राता गुरुद्वारा श्री  मुक्तसर साहिब, नाका नंबर 6, निवासी भाई  सन्तोख सिंह की धर्मपत्नि सरदारनी माता मंजीत कौर पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थीं और  बुधवार दिनांक  02-03-2022 को अकाल चालाणा कर गई थी । 🙏🙏  * शोकाकुल परिवार:*    🙏🙏  रागी भाई भजन सिंह (ज्येष्ठ भ्राता) राग

🙏 अपनी प्रातः का शुभारंभ प्रभु परमात्मा श्री हरि के सिमरण से करें: 👇👇👇 AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, ANG 713, 11-NOV.-2020 🌹अर्थातः गुरु अरजनदेव जी की दो बंदो वाली बाणी। अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। हे स्वामी भगवान ! मैं (तेरे पासों तेरे) नाम का दान माँगता हूँ । कोई भी ओर चीज मेरे साथ नहीं जा सकती । अगर तेरी कृपा हो, तो मुझे तेरी सिफ़त-सालाह मिल जाए 👇👇👇👇👇अधिक पढ़े 👇👇👇

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🙏 अपनी प्रातः का शुभारंभ प्रभु परमात्मा श्री हरि के सिमरण से करें: 👇👇👇   AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, ANG 713, 11-NOV.-2020 🌹👇 ਟੋਡੀ ਮਹਲਾ ੫ ਘਰੁ ੨ ਦੁਪਦੇ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥  ਮਾਗਉ ਦਾਨੁ ਠਾਕੁਰ ਨਾਮ ॥ ਅਵਰੁ ਕਛੂ ਮੇਰੈ ਸੰਗਿ ਨ ਚਾਲੈ ਮਿਲੈ ਕ੍ਰਿਪਾ ਗੁਣ ਗਾਮ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਰਾਜੁ ਮਾਲੁ ਅਨੇਕ ਭੋਗ ਰਸ ਸਗਲ ਤਰਵਰ ਕੀ ਛਾਮ ॥ ਧਾਇ ਧਾਇ ਬਹੁ ਬਿਧਿ ਕਉ ਧਾਵੈ ਸਗਲ ਨਿਰਾਰਥ ਕਾਮ ॥੧॥ ਬਿਨੁ ਗੋਵਿੰਦ ਅਵਰੁ ਜੇ ਚਾਹਉ ਦੀਸੈ ਸਗਲ ਬਾਤ ਹੈ ਖਾਮ ॥ ਕਹੁ ਨਾਨਕ ਸੰਤ ਰੇਨ ਮਾਗਉ ਮੇਰੋ ਮਨੁ ਪਾਵੈ ਬਿਸ੍ਰਾਮ ॥੨॥੧॥੬॥  🌹🙏 टोडी महला ५ घरु २ दुपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मागउ दानु ठाकुर नाम ॥ अवरु कछू मेरै संगि न चालै मिलै क्रिपा गुण गाम ॥१॥ रहाउ ॥ राजु मालु अनेक भोग रस सगल तरवर की छाम ॥ धाइ धाइ बहु बिधि कउ धावै सगल निरारथ काम ॥१॥ बिनु गोविंद अवरु जे चाहउ दीसै सगल बात है खाम ॥ कहु नानक संत रेन मागउ मेरो मनु पावै बिस्राम ॥२॥१॥६॥  🌹🙏 Todee, Fifth Mehl, Second House, Du-Padas: One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: I beg for the Gift of Your Name, O my Lord and Master. Nothing else shall go along with me in the end; by Your Grace,

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 694, 10-Nov.-2020: आज के मुखवाक का अर्थ: (हे माधो मेरे जैसा कोई दीन और कंगाल नहीं हे और तेरे जैसा कोई दया करने वाला नहीं, (मेरी कंगालता का) अब और परतावा करने की जरुरत नहीं (हे सुंदर राम!) मुझे दास को यह सिदक बक्श की मेरा मन तेरी...... 👇अधिक पढ़े 👇👇

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Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 694, 10-Nov.-2020  🌹🙏 ਧਨਾਸਰੀ ਭਗਤ ਰਵਿਦਾਸ ਜੀ ਕੀ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ਹਮ ਸਰਿ ਦੀਨੁ ਦਇਆਲੁ ਨ ਤੁਮ ਸਰਿ ਅਬ ਪਤੀਆਰੁ ਕਿਆ ਕੀਜੈ ॥ ਬਚਨੀ ਤੋਰ ਮੋਰ ਮਨੁ ਮਾਨੈ ਜਨ ਕਉ ਪੂਰਨੁ ਦੀਜੈ ॥੧॥ ਹਉ ਬਲਿ ਬਲਿ ਜਾਉ ਰਮਈਆ ਕਾਰਨੇ ॥ ਕਾਰਨ ਕਵਨ ਅਬੋਲ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਬਹੁਤ ਜਨਮ ਬਿਛੁਰੇ ਥੇ ਮਾਧਉ ਇਹੁ ਜਨਮੁ ਤੁਮ੍ਹ੍ਹਾਰੇ ਲੇਖੇ ॥ ਕਹਿ ਰਵਿਦਾਸ ਆਸ ਲਗਿ ਜੀਵਉ ਚਿਰ ਭਇਓ ਦਰਸਨੁ ਦੇਖੇ ॥੨॥੧॥   🌹🙏 धनासरी, भगत रवि दास जी की ੴ सतिगुर परसाद हम सरि दीनु दइआल न तुम सरि अब पतिआरू किया कीजे ॥ बचनी तोर मोर मनु माने जन कऊ पूरण दीजे ॥१॥ हउ बलि बलि जाउ रमईआ कारने ॥ कारन कवन अबोल ॥ रहाउ ॥ बहुत जनम बिछुरे थे माधउ इहु जनमु तुम्हारे लेखे ॥ कहि रविदास आस लगि जीवउ चिर भइओ दरसनु देखे ॥२॥१॥    🌹🙏 Dhanaasaree, Devotee Ravi Daas Jee: One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: There is none as forlorn as I am, and none as Compassionate as You; what need is there to test us now? May my mind surrender to Your Word; please, bless Your humble servant with this perfection. ||1|| I am a sacrifice, a sacrifice to the Lord

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 711, 06 Nov-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===Forgetting the Lord, one is ruined forever. How can anyone be deceived, who has Your Support, O Lord? ||Pause|| Without meditating in remembrance on the Lord, life is.......और आधिक पढने के लिए किल्क करें 👇.. 👇...

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  Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar,  Ang 711, 06 Nov-2020 🌹🙏 ਟੋਡੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥ ਹਰਿ ਬਿਸਰਤ ਸਦਾ ਖੁਆਰੀ ॥ ਤਾ ਕਉ ਧੋਖਾ ਕਹਾ ਬਿਆਪੈ ਜਾ ਕਉ ਓਟ ਤੁਹਾਰੀ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਬਿਨੁ ਸਿਮਰਨ ਜੋ ਜੀਵਨੁ ਬਲਨਾ ਸਰਪ ਜੈਸੇ ਅਰਜਾਰੀ ॥ ਨਵ ਖੰਡਨ ਕੋ ਰਾਜੁ ਕਮਾਵੈ ਅੰਤਿ ਚਲੈਗੋ ਹਾਰੀ ॥੧॥ ਗੁਣ ਨਿਧਾਨ ਗੁਣ ਤਿਨ ਹੀ ਗਾਏ ਜਾ ਕਉ ਕਿਰਪਾ ਧਾਰੀ ॥ ਸੋ ਸੁਖੀਆ ਧੰਨੁ ਉਸੁ ਜਨਮਾ ਨਾਨਕ ਤਿਸੁ ਬਲਿਹਾਰੀ ॥੨॥੨॥  🌹🙏 टोडी महला ५ ॥ हरि बिसरत सदा खुआरी ॥ ता कउ धोखा कहा बिआपै जा कउ ओट तुहारी ॥ रहाउ ॥ बिनु सिमरन जो जीवनु बलना सरप जैसे अरजारी ॥ नव खंडन को राजु कमावै अंति चलैगो हारी ॥१॥ गुण निधान गुण तिन ही गाए जा कउ किरपा धारी ॥ सो सुखीआ धंनु उसु जनमा नानक तिसु बलिहारी ॥२॥२॥  🌹🙏 Todee, Fifth Mehl:  Forgetting the Lord, one is ruined forever. How can anyone be deceived, who has Your Support, O Lord? ||Pause|| Without meditating in remembrance on the Lord, life is like a burning fire, even if one lives long, like a snake.  One may rule over the nine regions of the earth, but in the end, he shall have to depart, losing the game of life. ||1|| He alone sings the

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 694, 05-NOV-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===(हे माधो मेरे जैसा कोई दीन और कंगाल नहीं हे और तेरे जैसा कोई दया करने वाला नहीं, (मेरी कंगालता का) अब और परतावा करने की जरुरत नहीं (हे सुंदर राम!) मुझे दास को यह सिदक बक्श की मेरा मन तेरी सिफत सलाह .......और आधिक पढने के लिए किल्क करें 👇.. 👇...

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Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar,  Ang 694,  05-NOV-2020     🙏🙏🌸🌸🌸🌸🌸🙏🙏   ਧਨਾਸਰੀ ਭਗਤ ਰਵਿਦਾਸ ਜੀ ਕੀ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ਹਮ ਸਰਿ ਦੀਨੁ ਦਇਆਲੁ ਨ ਤੁਮ ਸਰਿ ਅਬ ਪਤੀਆਰੁ ਕਿਆ ਕੀਜੈ ॥ ਬਚਨੀ ਤੋਰ ਮੋਰ ਮਨੁ ਮਾਨੈ ਜਨ ਕਉ ਪੂਰਨੁ ਦੀਜੈ ॥੧॥ ਹਉ ਬਲਿ ਬਲਿ ਜਾਉ ਰਮਈਆ ਕਾਰਨੇ ॥ ਕਾਰਨ ਕਵਨ ਅਬੋਲ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਬਹੁਤ ਜਨਮ ਬਿਛੁਰੇ ਥੇ ਮਾਧਉ ਇਹੁ ਜਨਮੁ ਤੁਮ੍ਹ੍ਹਾਰੇ ਲੇਖੇ ॥ ਕਹਿ ਰਵਿਦਾਸ ਆਸ ਲਗਿ ਜੀਵਉ ਚਿਰ ਭਇਓ ਦਰਸਨੁ ਦੇਖੇ ॥੨॥੧॥   🌹🙏 धनासरी, भगत रवि दास जी की ੴ सतिगुर परसाद हम सरि दीनु दइआल न तुम सरि अब पतिआरू किया कीजे ॥ बचनी तोर मोर मनु माने जन कऊ पूरण दीजे ॥१॥ हउ बलि बलि जाउ रमईआ कारने ॥ कारन कवन अबोल ॥ रहाउ ॥ बहुत जनम बिछुरे थे माधउ इहु जनमु तुम्हारे लेखे ॥ कहि रविदास आस लगि जीवउ चिर भइओ दरसनु देखे ॥२॥१॥    🌹🙏 Dhanaasaree, Devotee Ravi Daas Jee: One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: There is none as forlorn as I am, and none as Compassionate as You; what need is there to test us now? May my mind surrender to Your Word; please, bless Your humble servant with this perfection. ||1|| I am a sacrifice, a s

Amrit Vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang  664, 04-Nov.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===हे भाई! नाम धन को अपने अंदर संभाल कर रख। उस परमात्मा का नाम (ऐसा) धन (है जो) सदा साथ निभाता है, जिस परमात्मा ने सारे जीवों की पलना (करने की जिम्मेदारी ली हुई है। हे भाई! विकारों से खलासी करने वाला नाम धन उन. .......और आधिक पढने के लिए किल्क करें 👇.. 👇...

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Amrit Vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar,  Ang  664, 04-Nov.-2020 🌹🙏 ਧਨਾਸਰੀ ਮਹਲਾ ੩ ॥  ਸਦਾ ਧਨੁ ਅੰਤਰਿ ਨਾਮੁ ਸਮਾਲੇ ॥  ਜੀਅ ਜੰਤ ਜਿਨਹਿ ਪ੍ਰਤਿਪਾਲੇ ॥  ਮੁਕਤਿ ਪਦਾਰਥੁ ਤਿਨ ਕਉ ਪਾਏ ॥  ਹਰਿ ਕੈ ਨਾਮਿ ਰਤੇ ਲਿਵ ਲਾਏ ॥੧॥  ਗੁਰ ਸੇਵਾ ਤੇ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਧਨੁ ਪਾਵੈ ॥  ਅੰਤਰਿ ਪਰਗਾਸੁ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ਧਿਆਵੈ ॥ ਰਹਾਉ ॥  ਇਹੁ ਹਰਿ ਰੰਗੁ ਗੂੜਾ ਧਨ ਪਿਰ ਹੋਇ ॥  ਸਾਂਤਿ ਸੀਗਾਰੁ ਰਾਵੇ ਪ੍ਰਭੁ ਸੋਇ ॥  ਹਉਮੈ ਵਿਚਿ ਪ੍ਰਭੁ ਕੋਇ ਨ ਪਾਏ ॥  ਮੂਲਹੁ ਭੁਲਾ ਜਨਮੁ ਗਵਾਏ ॥੨॥   🌹🙏 धनासरी महला ३ ॥  सदा धनु अंतरि नामु समाले ॥  जीअ जंत जिनहि प्रतिपाले ॥  मुकति पदारथु तिन कउ पाए ॥ हरि कै नामि रते लिव लाए ॥१॥  गुर सेवा ते हरि नामु धनु पावै ॥   अंतरि परगासु हरि नामु धिआवै ॥ रहाउ ॥  इहु हरि रंगु गूड़ा धन पिर होइ ॥ सांति सीगारु रावे प्रभु सोइ ॥  हउमै विचि प्रभु कोइ न पाए ॥  मूलहु भुला जनमु गवाए ॥२॥   🌹🙏 Dhanaasaree, Third Mehl:  Gather in and cherish forever the wealth of the Lord's Name, deep within;  He cherishes and nurtures all beings and creatures.  They alone obtain the treasure of Liberation,  who are lovingly imbued with, and focused on the Lord's Name.

AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB, SRI AMRITSAR, ANG-652, 03-NOV.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===(मनमुख के) हिरदय में अज्ञान है, (उस की) अकल (मति) नादान होती है और सतगुरु ऊपर उस को सिदक नहीं होता; मन में धोखा (होने के कारन संसार में भी) वेह सारा धोखा ही धोखा.. .......और आधिक पढने के लिए किल्क करें 👇.. 👇...

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  वाहेगुरु  AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB, SRI AMRITSAR, ANG-652, 03-NOV.-2020 🌹🙏 ਸਲੋਕੁ ਮ: ੪ ॥   ਅੰਤਰਿ ਅਗਿਆਨੁ ਭਈ ਮਤਿ ਮਧਿਮ ਸਤਿਗੁਰ ਕੀ ਪਰਤੀਤਿ ਨਾਹੀ ॥   ਅੰਦਰਿ ਕਪਟੁ ਸਭੁ ਕਪਟੋ ਕਰਿ ਜਾਣੈ ਕਪਟੇ ਖਪਹਿ ਖਪਾਹੀ ॥   ਸਤਿਗੁਰ ਕਾ ਭਾਣਾ ਚਿਤਿ ਨ ਆਵੈ ਆਪਣੈ ਸੁਆਇ ਫਿਰਾਹੀ ॥   ਕਿਰਪਾ ਕਰੇ ਜੇ ਆਪਣੀ ਤਾ ਨਾਨਕ ਸਬਦਿ ਸਮਾਹੀ ॥੧॥   🌹🙏 सलोकु मः ४ ॥   अंतरि अगिआनु भई मति मधिम सतिगुर की परतीति नाही ॥   अंदरि कपटु सभु कपटो करि जाणै कपटे खपहि खपाही ॥   सतिगुर का भाणा चिति न आवै आपणै सुआइ फिराही ॥   किरपा करे जे आपणी ता नानक सबदि समाही ॥१॥   🌹🙏 Shalok, Fourth Mehl:   He has spiritual ignorance within, and his intellect is dull and dim; he does not place his faith in the True Guru.   He has deceit within himself, and so he sees deception in all others; through his deceptions, he is totally ruined.   The True Guru's Will does not enter into his consciousness, and so he wanders around, pursuing his own interests.   If He grants His Grace, then Nanak is absorbed into the Word of the Shabad. ||1||   🌹🙏 ਮਧਿਮ = ਨਿੰਮੀ, ਭੈੜ

AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR. ANG.614. Date: 01-Nov.2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===हे भाई! पूरे गुरू की आत्मिक उच्चता बड़ी ही आश्चर्यजनक है, उसका मूल्य नहीं बताया जा सकता। रहाउ।हे भाई! (गुरू आत्मिक तौर पर) मरे हुए मनुष्य के शरीर में.. .और आधिक पढने के लिए किल्क करें.......... 👇.. 👇...

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  वाहेगुरु  AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR.  ANG.614.  Date: 01-Nov.2020 🌹🙏 ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੫ ॥ ਮਿਰਤਕ ਕਉ ਪਾਇਓ ਤਨਿ ਸਾਸਾ ਬਿਛੁਰਤ ਆਨਿ ਮਿਲਾਇਆ ॥ ਪਸੂ ਪਰੇਤ ਮੁਗਧ ਭਏ ਸ੍ਰੋਤੇ ਹਰਿ ਨਾਮਾ ਮੁਖਿ ਗਾਇਆ ॥੧॥ ਪੂਰੇ ਗੁਰ ਕੀ ਦੇਖੁ ਵਡਾਈ ॥ ਤਾ ਕੀ ਕੀਮਤਿ ਕਹਣੁ ਨ ਜਾਈ ॥ ਰਹਾਉ ॥ ਦੂਖ ਸੋਗ ਕਾ ਢਾਹਿਓ ਡੇਰਾ ਅਨਦ ਮੰਗਲ ਬਿਸਰਾਮਾ ॥ ਮਨ ਬਾਂਛਤ ਫਲ ਮਿਲੇ ਅਚਿੰਤਾ ਪੂਰਨ ਹੋਏ ਕਾਮਾ ॥੨॥ ਈਹਾ ਸੁਖੁ ਆਗੈ ਮੁਖ ਊਜਲ ਮਿਟਿ ਗਏ ਆਵਣ ਜਾਣੇ ॥ ਨਿਰਭਉ ਭਏ ਹਿਰਦੈ ਨਾਮੁ ਵਸਿਆ ਅਪੁਨੇ ਸਤਿਗੁਰ ਕੈ ਮਨਿ ਭਾਣੇ ॥੩॥ ਊਠਤ ਬੈਠਤ ਹਰਿ ਗੁਣ ਗਾਵੈ ਦੂਖੁ ਦਰਦੁ ਭ੍ਰਮੁ ਭਾਗਾ ॥ ਕਹੁ ਨਾਨਕ ਤਾ ਕੇ ਪੂਰ ਕਰੰਮਾ ਜਾ ਕਾ ਗੁਰ ਚਰਨੀ ਮਨੁ ਲਾਗਾ ॥੪॥੧੦॥੨੧॥ 🌹🙏 सोरठि महला ५ ॥मिरतक कउ पाइओ तनि सासा बिछुरत आनि मिलाइआ ॥ पसू परेत मुगध भए स्रोते हरि नामा मुखि गाइआ ॥१॥ पूरे गुर की देखु वडाई ॥ ता की कीमति कहणु न जाई ॥ रहाउ ॥ दूख सोग का ढाहिओ डेरा अनद मंगल बिसरामा ॥ मन बांछत फल मिले अचिंता पूरन होए कामा ॥२॥ ईहा सुखु आगै मुख ऊजल मिटि गए आवण जाणे ॥ निरभउ भए हिरदै नामु वसिआ अपुने सतिगुर कै मनि भाणे ॥३॥ ऊठत बैठत हरि गुण गावै दूखु दरदु भ्रमु भागा ॥ कहु नानक ता के पूर करमा जा का गुर चरनी मनु लागा ॥४॥१०॥२१॥ 🌹🙏 Sorath

AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, । ANG 709, 31- OCT.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬===The Merciful Lord is the Savior of the Saints; their only support is to sing the Kirtan of the Lord's Praises. One becomes immaculate and pure, by associating with the Saints, Nanak Ji, and taking the Protection of the Transcendent Lord. ||1|| The burning of.. .और आधिक पढने के लिए किल्क करें... 👇.. 👇...

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  वाहेगुरु  AMRIT VELE DA HUKAMNAMA SRI DARBAR SAHIB SRI AMRITSAR, । ANG 709, 31- OCT.-2020 🌹🙏 ਸਲੋਕ ॥ਸੰਤ ਉਧਰਣ ਦਇਆਲੰ ਆਸਰੰ ਗੋਪਾਲ ਕੀਰਤਨਹ ॥ ਨਿਰਮਲੰ ਸੰਤ ਸੰਗੇਣ ਓਟ ਨਾਨਕ ਪਰਮੇਸੁਰਹ ॥੧॥ ਚੰਦਨ ਚੰਦੁ ਨ ਸਰਦ ਰੁਤਿ ਮੂਲਿ ਨ ਮਿਟਈ ਘਾਂਮ ॥ ਸੀਤਲੁ ਥੀਵੈ ਨਾਨਕਾ ਜਪੰਦੜੋ ਹਰਿ ਨਾਮੁ ॥੨॥ ਪਉੜੀ ॥ ਚਰਨ ਕਮਲ ਕੀ ਓਟ ਉਧਰੇ ਸਗਲ ਜਨ ॥ ਸੁਣਿ ਪਰਤਾਪੁ ਗੋਵਿੰਦ ਨਿਰਭਉ ਭਏ ਮਨ ॥ ਤੋਟਿ ਨ ਆਵੈ ਮੂਲਿ ਸੰਚਿਆ ਨਾਮੁ ਧਨ ॥ ਸੰਤ ਜਨਾ ਸਿਉ ਸੰਗੁ ਪਾਈਐ ਵਡੈ ਪੁਨ ॥ ਆਠ ਪਹਰ ਹਰਿ ਧਿਆਇ ਹਰਿ ਜਸੁ ਨਿਤ ਸੁਨ ॥੧੭॥ 🌹🙏 सलोक ॥संत उधरण दइआलं(ग) आसरं(ग) गोपाल कीरतनह ॥ निरमलं(ग) संत संगेण ओट नानक परमेसुरह ॥१॥ चंदन चंदु न सरद रुति मूलि न मिटई घांम ॥ सीतलु थीवै नानका जपंदड़ो हरि नामु ॥२॥ पउड़ी ॥ चरन कमल की ओट उधरे सगल जन ॥ सुणि परतापु गोविंद निरभउ भए मन ॥ तोटि न आवै मूलि संचिआ नामु धन ॥ संत जना सिउ संगु पाईऐ वडै पुन ॥ आठ पहर हरि धिआए हरि जसु नित सुन ॥१७॥ 🌹🙏 Salok || The Merciful Lord is the Savior of the Saints; their only support is to sing the Kirtan of the Lord's Praises. One becomes immaculate and pure, by associating with the Saints, Nanak Ji, and taking the Protection of the Tr

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 761, 30-Oct.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬====--जो मनुख वेद पुराण सिंमृत्यों आदि धार्मिक पुस्तकों को पढ़ कर (नाम के दूर छोड़ कर के कर्म काण्ड आदिक का उपदेश) उच्चा उच्चा सुनते है, वह मनुख थोथी बातें करते हैं। परमात्मा के नाम.... .और आधिक पढने के लिए किल्क करें... 👇.. 👇...

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वाहेगुरु Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar,  Ang 761, 30-Oct.-2020 🌹🙏 ਸੂਹੀ ਮਹਲਾ ੫ ॥ सूही महला ५ ॥   Soohee, Fifth Mehl: 🌹🙏 ਸਿਮ੍ਰਿਤਿ ਬੇਦ ਪੁਰਾਣ ਪੁਕਾਰਨਿ ਪੋਥੀਆ ॥ ਨਾਮ ਬਿਨਾ ਸਭਿ ਕੂੜੁ ਗਾਲ੍ਹ੍ਹੀ ਹੋਛੀਆ ॥੧॥ ਨਾਮੁ ਨਿਧਾਨੁ ਅਪਾਰੁ ਭਗਤਾ ਮਨਿ ਵਸੈ ॥ ਜਨਮ ਮਰਣ ਮੋਹੁ ਦੁਖੁ ਸਾਧੂ ਸੰਗਿ ਨਸੈ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਮੋਹਿ ਬਾਦਿ ਅਹੰਕਾਰਿ ਸਰਪਰ ਰੁੰਨਿਆ ॥ ਸੁਖੁ ਨ ਪਾਇਨ੍ਹ੍ਹਿ ਮੂਲਿ ਨਾਮ ਵਿਛੁੰਨਿਆ ॥੨॥ 🌹🙏 सिम्रिति बेद पुराण पुकारनि पोथीआ ॥ नाम बिना सभि कूड़ु गाल्ही होछीआ ॥१॥ नामु निधानु अपारु भगता मनि वसै ॥ जनम मरण मोहु दुखु साधू संगि नसै ॥१॥ रहाउ ॥ मोहि बादि अहंकारि सरपर रुंनिआ ॥ सुखु न पाइन्हि मूलि नाम विछुंनिआ ॥२॥   🌹🙏 The Simritees, the Vedas, the Puraanas and the other holy scriptures proclaim that without the Naam, everything is false and worthless. ||1|| The infinite treasure of the Naam abides within the minds of the devotees. Birth and death, attachment and suffering, are erased in the Saadh Sangat, the Company of the Holy. ||1||Pause|| Those who indulge in attachment, conflict and egotism shall surely weep and

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar, Ang 729, 29-Oct.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬====--मैंने काँसे (का) साफ और चमकीला (बर्तन) घसाया (तो उस में से) थोड़ी थोड़ी काली सियाही (लग गई) । अगर मैं सौ वारी भी उस काँसे के बर्तन को धोलूँ (साफ करू) तो भी (बाहरों) धोने के साथ उस की (अंदरली) जूठ (कालिख) दूर नहीं होती ।1 । मेरे असल मित्र वही हैं जो (.... .और आधिक पढने के लिए किल्क करें... 👇.. 👇.

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वाहेगुरु Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib, Sri Amritsar,  Ang 729, 29-Oct.-2020 🌹🌹 ਸੂਹੀ ਮਹਲਾ ੧ ਘਰੁ ੬ ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ਉਜਲੁ ਕੈਹਾ ਚਿਲਕਣਾ ਘੋਟਿਮ ਕਾਲੜੀ ਮਸੁ ॥ ਧੋਤਿਆ ਜੂਠਿ ਨ ਉਤਰੈ ਜੇ ਸਉ ਧੋਵਾ ਤਿਸੁ ॥੧॥ ਸਜਣ ਸੇਈ ਨਾਲਿ ਮੈ ਚਲਦਿਆ ਨਾਲਿ ਚਲੰਨ੍ਹ੍ਹਿ ॥ ਜਿਥੈ ਲੇਖਾ ਮੰਗੀਐ ਤਿਥੈ ਖੜੇ ਦਿਸੰਨਿ ॥੧॥ ਰਹਾਉ ॥ ਕੋਠੇ ਮੰਡਪ ਮਾੜੀਆ ਪਾਸਹੁ ਚਿਤਵੀਆਹਾ ॥ ਢਠੀਆ ਕੰਮਿ ਨ ਆਵਨ੍ਹ੍ਹੀ ਵਿਚਹੁ ਸਖਣੀਆਹਾ ॥੨॥ ਬਗਾ ਬਗੇ ਕਪੜੇ ਤੀਰਥ ਮੰਝਿ ਵਸੰਨ੍ਹ੍ਹਿ ॥ ਘੁਟਿ ਘੁਟਿ ਜੀਆ ਖਾਵਣੇ ਬਗੇ ਨਾ ਕਹੀਅਨ੍ਹ੍ਹਿ ॥੩॥ ਸਿੰਮਲ ਰੁਖੁ ਸਰੀਰੁ ਮੈ ਮੈਜਨ ਦੇਖਿ ਭੁਲੰਨ੍ਹ੍ਹਿ ॥ ਸੇ ਫਲ ਕੰਮਿ ਨ ਆਵਨ੍ਹ੍ਹੀ ਤੇ ਗੁਣ ਮੈ ਤਨਿ ਹੰਨ੍ਹ੍ਹਿ ॥੪॥ ਅੰਧੁਲੈ ਭਾਰੁ ਉਠਾਇਆ ਡੂਗਰ ਵਾਟ ਬਹੁਤੁ ॥ ਅਖੀ ਲੋੜੀ ਨਾ ਲਹਾ ਹਉ ਚੜਿ ਲੰਘਾ ਕਿਤੁ ॥੫॥ ਚਾਕਰੀਆ ਚੰਗਿਆਈਆ ਅਵਰ ਸਿਆਣਪ ਕਿਤੁ ॥ ਨਾਨਕ ਨਾਮੁ ਸਮਾਲਿ ਤੂੰ ਬਧਾ ਛੁਟਹਿ ਜਿਤੁ ॥੬॥੧॥੩॥ 🌹🙏 सूही महला १ घरु ६ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ उजलु कैहा चिलकणा घोटिम कालड़ी मसु ॥ धोतिआ जूठि न उतरै जे सउ धोवा तिसु ॥१॥ सजण सेई नालि मै चलदिआ नालि चलंन्हि ॥ जिथै लेखा मंगीऐ तिथै खड़े दिसंनि ॥१॥ रहाउ ॥ कोठे मंडप माड़ीआ पासहु चितवीआहा ॥ ढठीआ कंमि न आवन्ही विचहु सखणीआहा ॥२॥ बगा बगे कपड़े तीरथ मंझि वसंन्हि ॥ घुटि घुटि जीआ खावणे बगे ना कह

Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib Sri Amritsar, Ang 638, 28-Oct.-2020 🌹🙏 👉 दरबार श्री हरिमन्दर साहिब अमृतसर आज के मुखवाक का हिंदी व अग्रेंजो में अर्थ :- ☬====-हे भाई ! हम जीव अवगुणों से भरे हैं, विकारी हैं। पूरे गुरु ने (जिन को अपनी संगत में) मिला लिया है, उनको परमात्मा आप ही कृपा कर के (अपने चरणों में) जोड़ लेता है।रहाउ।  हे भाई ! अवगुणों से भरे जीवों को सतिगुरु की सेवा में लगा के परमात्मा आप ही बख्श लेता है। हे भाई ! गुरु की शरण-सेवा बड़ी श्रेष्ठ है, गुरु..... .और आधिक पढने के लिए किल्क करें... 👇.. 👇...

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वाहेगुरु जी  Amrit vele da Hukamnama Sri Darbar Sahib Sri Amritsar,  Ang 638, 28-Oct.-2020 🌹🙏 ਸੋਰਠਿ ਮਹਲਾ ੩ ਦੁਤੁਕੀ ॥  ਨਿਗੁਣਿਆ ਨੋ ਆਪੇ ਬਖਸਿ ਲਏ ਭਾਈ ਸਤਿਗੁਰ ਕੀ ਸੇਵਾ ਲਾਇ ॥  ਸਤਿਗੁਰ ਕੀ ਸੇਵਾ ਊਤਮ ਹੈ ਭਾਈ ਰਾਮ ਨਾਮਿ ਚਿਤੁ ਲਾਇ ॥੧॥  ਹਰਿ ਜੀਉ ਆਪੇ ਬਖਸਿ ਮਿਲਾਇ ॥  ਗੁਣਹੀਣ ਹਮ ਅਪਰਾਧੀ ਭਾਈ ਪੂਰੈ ਸਤਿਗੁਰਿ ਲਏ ਰਲਾਇ ॥ ਰਹਾਉ ॥  ਕਉਣ ਕਉਣ ਅਪਰਾਧੀ ਬਖਸਿਅਨੁ ਪਿਆਰੇ ਸਾਚੈ ਸਬਦਿ ਵੀਚਾਰਿ ॥  ਭਉਜਲੁ ਪਾਰਿ ਉਤਾਰਿਅਨੁ ਭਾਈ ਸਤਿਗੁਰ ਬੇੜੈ ਚਾੜਿ ॥੨॥  ਮਨੂਰੈ ਤੇ ਕੰਚਨ ਭਏ ਭਾਈ ਗੁਰੁ ਪਾਰਸੁ ਮੇਲਿ ਮਿਲਾਇ ॥  ਆਪੁ ਛੋਡਿ ਨਾਉ ਮਨਿ ਵਸਿਆ ਭਾਈ ਜੋਤੀ ਜੋਤਿ ਮਿਲਾਇ ॥੩॥  ਹਉ ਵਾਰੀ ਹਉ ਵਾਰਣੈ ਭਾਈ ਸਤਿਗੁਰ ਕਉ ਸਦ ਬਲਿਹਾਰੈ ਜਾਉ ॥  ਨਾਮੁ ਨਿਧਾਨੁ ਜਿਨਿ ਦਿਤਾ ਭਾਈ ਗੁਰਮਤਿ ਸਹਜਿ ਸਮਾਉ ॥੪॥  🌹🙏 सोरठि महला ३ दुतुकी ॥  निगुणिआ नो आपे बखसि लए भाई सतिगुर की सेवा लाइ ॥  सतिगुर की सेवा ऊतम है भाई राम नामि चितु लाइ ॥१॥  हरि जीउ आपे बखसि मिलाइ ॥  गुणहीण हम अपराधी भाई पूरै सतिगुरि लए रलाइ ॥ रहाउ ॥  कउण कउण अपराधी बखसिअनु पिआरे साचै सबदि वीचारि ॥  भउजलु पारि उतारिअनु भाई सतिगुर बेड़ै चाड़ि ॥२॥  मनूरै ते कंचन भए भाई गुरु पारसु मेलि मिलाइ ॥  आपु छोडि नाउ मनि वसिआ भाई जोती जोति मिलाइ ॥३॥  हउ वारी हउ वारणै भाई सतिगुर