ब्रह्मज्ञानी सन्त सीतलसिंह साहिब के मुखारबिन्द से उच्चारित श्री सुखमनी साहिब........

ब्रह्मज्ञानी सन्त सीतलसिंह साहिब के मुखारबिन्द से उच्चारित श्री सुखमनी साहिब........ अजमेर, शुक्रवार 6 जून 2025/ धन धन ब्रह्मज्ञानी सन्त सीतल सिंह साहिब (महू वालों) का भोपाल बैरागढ (एम.पी.) व पुष्कर राज (राजस्थान) के सन्त हिरदाराम जी महाराज से अध्यात्मिक रिश्ता था, यह अध्यात्मिक रिश्ता बहूत ही गहरा और घनिष्ठ था, जिसका साक्षात दास स्वंम साक्षी है, और वे सभी साक्षात हैं जो सन्त सीतल सिंह साहिब जी के साथ रहे, सन्त हिरदाराम जी के शिष्य सन्त सिद्ध भाऊ, और सन्त हनुमान हैं। सन्त सीतल सिंह जी की संगत और सान्निध्य में दास को सन्त हिरदाराम जी और उनके शिष्यों के दर्शन हुए। सन्त हिरदाराम जी ने दास पर कृपा करके "प्रसाद स्वरूप बक्शीश में" कुछ आडियो कैसिटें व दो साहिब श्री गुरुनानक देव जी महाराज के स्वरूप (तस्वीर) दिये, उन कैसिटों में एक कैसिट सन्त सीतल सिंह जी साहिब के मुखारबिन्द से उच्चारित श्री सुखमनी साहिब की थी। जब यह "प्रसाद" लेकर दास अपने घर आया तो संजोग की बात थी कि इन्कम टैक्स कालोनी, अजमेर निवासी भाई नाथूसिंह किर्नोंत मेरे घर पर आये हुए थे, तब सरदार नाथू ...